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C.V. Raman - 11 Facts (खास बातें) about him.


 CV Raman And His Contribution

भारत के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों में से एक और नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी, सर चंद्रशेखर वेंकट रमन, जिन्हें सीवी रमन के नाम से ज्यादा जाना जाता है। इनका जन्म 7 नवंबर, 1888 को हुआ था और निधन 1970 में हुआ था। इनके पिता चंद्रशेखर अय्यर मैथ्स और फिजिक्स के लेक्चरर थे। यही वजह है रमन साइंस कोर्स करने के लिए प्रेरित हुए। चंद्रशेखर वेंकट रमन की मां पार्वती अम्माल थीं। रमन ने विश्वविद्यालय के इतिहास में सर्वाधिक अंक अर्जित किए और उन्होंने आईएएस की परीक्षा में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। 6 मई 1907 को कृष्णस्वामी अय्यर की सुपुत्री त्रिलोकसुंदरी से रमन का विवाह हुआ। यहां पढ़ें सर सी वी रमन के बारे में 11 रोचक फैक्ट्स।


1 रमन ने अपनी गवर्मेंट सर्विस छोड़ दी। उन्हें 1917 में कलकत्ता विश्वविद्यालय में फिजिक्स का पहला पालित प्रोफेसर नियुक्त किया गया था।


2 जब वे कलकत्ता विश्वविद्यालय में टीचिंग कर रहे थे, रमन ने कलकत्ता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस (IACS) में अपना रिसर्च जारी रखा। बाद में वह एसोसिएशन में मानद स्कॉलर बन गए।


3 IACS में, रमन ने एक ग्राउंड ब्रेकिंग एक्सपेरिमेंट किया जिसने अंततः उन्हें 28 फरवरी 1928 में फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार दिलाया। उन्होंने प्रकाश के प्रकीर्णन को देखकर प्रकाश की क्वांटम नेचर के एविडेंस की खोज की, एक ऐसा इफेक्ट जिसे रमन इफेक्ट के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस National Science Day के रूप में मनाया जाता है।


4 बहुत से लोग यह नहीं जानते कि इस प्रयोग में रमन के एक सहयोगी भी थे। सहकर्मी के रूप में के एस कृष्णन ने रमन के साथ मिल कर काम किया था। लेकिन दोनों के बीच कुछ प्रोफेशनल मतभेदों के कारण के एस कृष्णन ने नोबेल पुरस्कार साझा नहीं किया। हालांकि, रमन ने अपने नोबेल स्वीकृति भाषण में कृष्णन के योगदान का जोरदार उल्लेख किया था।


5 एटोमिक न्यूक्लियस और प्रोटॉन के खोजकर्ता डॉ अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने 1929 में रॉयल सोसाइटी के अपने अध्यक्षीय भाषण में रमन की स्पेक्ट्रोस्कोपी का उल्लेख किया। रमन को सोसाइटी के द्वारा एकनॉलेज्ड किया गया था और उन्हें नाइटहुड भी प्रदान किया गया था।


6 रमन 1928 से नोबेल पुरस्कार की उम्मीद कर रहे थे। दो साल के इंतजार के बाद, उन्हें "प्रकाश के प्रकीर्णन पर उनके काम और रमन इफेक्ट की खोज के लिए" पुरस्कार मिला। वे इतना उत्सुक थे कि उन्होंने नवंबर में पुरस्कार प्राप्त करने के लिए जुलाई में ही स्वीडन के लिए टिकट बुक कर लिया था।


7 रमन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले एशियाई और गैर-श्वेत व्यक्ति थे।


8 1932 में रमन और सूरी भगवंतम ने क्वांटम फोटॉन स्पिन की खोज की। इस खोज ने प्रकाश की क्वांटम प्रकृति को और सिद्ध कर दिया।


9 नोबेल पुरस्कार विजेता ऑप्टिकल थ्योरी के पीछे उनकी प्रेरणा के बारे में पूछे जाने पर, रमन ने कहा कि वह 1921 में यूरोप जाने के दौरान "भूमध्य सागर के अद्भुत नीले रंग के ओपेलेसेंस" से प्रेरित थे।


10 रमन न केवल प्रकाश के विशेषज्ञ थे बल्कि उन्होंने ध्वनिकी acoustics के साथ भी प्रयोग किया। तबला और मृदंगम जैसे भारतीय ढोल की ध्वनि की हार्मोनिक प्रकृति की जांच करने वाले रमन पहले व्यक्ति थे।


11 उनकी पहली पुण्यतिथि पर भारतीय डाक सेवा ने सर सी वी रमन की एक स्मारक डाक टिकट प्रकाशित की थी जिसमें उनकी स्पेक्ट्रोस्कोपी और बैकग्राउंड में एक हीरा था। उन्हें 1954 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।

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